Getting My shiv chalisa in hindi To Work

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

नमो Shiv chaisa नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

Every time the gods call out to him in distress, Lord Shiva promptly removes their sorrows. Over the fantastic turmoil a result of Tarakasura, Every one of the gods turned to you for support.

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